पर्वतीय क्षेत्र की जीवनदायिनी शिप्रा नदी हमारी सांस्कृतिक विरासत की प्रतीक
नैनीताल 03 नवम्बर- नैनीताल जनपद के पर्वतीय क्षेत्र की जीवनदायिनी शिप्रा नदी हमारी सांस्कृतिक विरासत की प्रतीक है। उत्तराखण्ड राज्य की 25वीं वर्षगांठ "रजत जयंती" के उपलक्ष्य में" नदी उत्सव कार्यक्रम" के अंतर्गत आज जनपद नैनीताल में शिप्रा नदी के तटवर्ती क्षेत्रों में वृहद् स्वच्छता अभियान का आयोजन किया गया। यह अभियान सारा, नैनीताल एवं नगर पालिका परिषद, भवाली के सौजन्य से जिला प्रशासन, नैनीताल द्वारा आयोजित किया गया। सारा स्प्रिंग एण्ड रिवर रिज्युविनेशन ऑथोरिटी (SARRA) के अंतर्गत शिप्रा नदी को एक जनपद-एक नदी" योजना के अंतर्गत भी अंगीकृत किया गया है।
मुख्य विकास अधिकारी, नैनीताल अनामिका सिंह तथा जिला विकास अधिकारी, नैनीताल गोपाल गिरि गोस्वामी के दिशा निर्देशन में यह अभियान ग्यारह सेक्टरों में विभाजित कर सम्पन्न कराया गया, जिसमें विभिन्न विभागों के अधिकारियों को नोडल अधिकारी के रूप में नियुक्त किया गया। इस कार्यक्रम के समग्र नियोजन एवं निष्पादन कार्य हेतु उप निदेशक, जलागम डा0 एस0के0 उपाध्याय, मुख्य नोडल अधिकारी की भूमिका में रहे।
राज्य स्थापना के रजत जयंती वर्ष के अवसर पर नदी उत्सव कार्यक्रम के अंतर्गत प्रातः 09:00 से अपरान्ह 2:00 बजे तक शिप्रा नदी पर चिह्नित स्थानों (जैसे- घोड़ाखाल रोड़, भवाली मुख्य बाजार, रामगढ़ रोड़, श्यामखेत चाय बागान, शमशान घाट, रानिखेत रोड, भवाली, के ची धाम, निगलाट, रातीघाट, रामगाढ़।) आदि स्थानों पर विशेष सफाई अभियान संचालित किये गये। इस अभियान में नगर पालिका, ग्राम पंचायतों, स्वजल, जल निगम, समाज कल्याण, शिक्षा, कृषि, उद्यान, पशुपालन, पर्यटन, जल संस्थान, लघु सिंचाई, ग्रामीण निर्माण, पूर्ति विभाग सहित अनेक विभागों की सक्रिय सहभागिता रही । स्थानीय जनप्रतिनिधियों, महिला मंगल दलों, स्वयं सहायता समूहों, आशा एवं आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं तथा नागरिकों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया।
जिला प्रशासन के कुशल निर्देशन एवं सारा (SARRA) के तत्वाधान में संचालित यह स्वच्छता अभियान जनसहभागिता, पर्यावरण चेतना और उत्तराखण्ड की सांस्कृतिक एकता का प्रेरणादायक उदाहरण बना। इस स्वच्छता अभियान के सारथी रहे अधिशासी अधिकारी, नगर पालिका परिषद, भवाली द्वारा अवगत कराया गया कि शिप्रा नदी की सफ़ाई के दौरान विभिन्न दलों तथा जनमानस के सहयोग द्वारा मुख्य मार्ग पर 9.90 कुंतल कचरा एकत्रित किया गया जहाँ से उस कचरे को नगर पालिका के वाहनों द्वारा उठवाया गया।
उत्तराखण्ड की रजत जयंती पर यह स्वच्छता अभियान जनसहभागिता और पर्यावरण चेतना का प्रेरणादायक उदाहरण है। यह अभियान शिप्रा नदी को श्रद्धा के साथ जोड़ते हुए जन सहयोग आधारित सांझा उत्तरदायित्व के दृष्टिकोण को प्रोत्सा हित करता है। हिमालयी पारिस्थितिकी की संवेदनशीलता के दृष्टिगत ऐसे कार्यक्रम जन स्तर पर जल संरक्षण एवं स्वच्छता के प्रयासों को सशक्त आधार प्रदान करते हैं।