धामी सरकार की उपलब्धियों की सराहना
हल्द्वानी 25 अक्टूबर - मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में राज्य सरकार के कार्यकाल में लिए गए निर्णयों और नीतियों पर विचार-विमर्श कार्यक्रम “धामी सरकार के चार वर्ष: उपलब्धियाँ” शीर्षक से आयोजित किया गया। इस चर्चा में विभिन्न विश्वविद्यालयों के कुलपतियों, शिक्षाविदों एवं जनप्रतिनिधियों ने भाग लिया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि प्रो.डॉ.प्रदीप जोशी, अध्यक्ष नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) एवं पूर्व अध्यक्ष, संघ लोक सेवा आयोग (UPSC), ने कहा कि मुख्यमंत्री धामी के नेतृत्व में उत्तराखण्ड ने चार वर्षों में विकास, सुशासन और संवेदनशील प्रशासन का नया अध्याय लिखा है। उन्होंने नकल विरोधी कानून और समान नागरिक संहिता (UCC) को राज्य और देश के लिए उदाहरण बताया। डॉ. जोशी ने कहा जहां युवा अपनी समस्याओं को लेकर आंदोलन कर रहे थे, वहां स्वयं पहुंचकर उनकी बात सुनने वाले धामी जी पहले मुख्यमंत्री हैं। शिक्षा सुधारों की सराहना करते हुए स्मार्ट क्लास और डिजिटल शिक्षा के विस्तार को धामी सरकार की दूरदर्शी सोच का परिणाम बताया।
कालाढुंगी क्षेत्र के विधायक बंशीधर भगत ने कहा कि धामी सरकार के कार्यकाल में राज्य का चहुमुखी विकास हुआ है। उन्होंने मंदिरमाला परियोजना, चारधाम और राज्य की सड़कों का चौड़ीकरण, धर्मांतरण निवारण, सख्त नकल विरोधी कानून और अवैध अतिक्रमण ध्वस्तीकरण जैसे कार्यों का उल्लेख किया, जिससे राज्य को नया मुकाम और पहचान मिली है। हल्द्वानी नगर निगम के मेयर गजराज बिष्ट ने कहा कि धामी सरकार गैरकानूनी मदरसों के विरुद्ध कार्यवाही, के लिए हमेशा याद किया जाएगा और सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास, सबका प्रयास की भावना को सशक्त किया। प्रो.डॉ धनंजय जोशी, पूर्व कुलपति, दिल्ली शिक्षक विश्वविद्यालय, डॉ.सतपाल सिंह बिष्ट, कुलपति, सोबन सिंह जीना विश्वविद्यालय अल्मोड़ा, डॉ. नवीन चन्द्र लोहनी कुलपति उत्तराखण्ड मुक्त विश्वविद्यालय हल्द्वानी और वर्चुअल प्रो.डॉ. दुर्गेश पंत, महानिदेशक, यूकॉस्ट, प्रो.डॉ. दीवान सिंह रावत, कुलपति, कुमाऊँ विश्वविद्यालयध्यम ने कहा कि अनुसंधान, नवाचार और विज्ञान-प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में राज्य सरकार के नेतृत्व में उल्लेखनीय प्रगति हुई है और उत्तराखण्ड अब विज्ञान एवं तकनीक आधारित शासन का मॉडल बन रहा है। प्रो.डॉ. एन.एस. बिष्ट, कुलपति, आम्रपाली विश्वविद्यालय, हल्द्वानी, ने कहा कि धामी सरकार की नीति और नियत स्पष्ट है और राज्य हर क्षेत्र में नए विकास के आयाम स्थापित कर रहा है।
प्रो. डॉ. गोविंद सिंह बिष्ट, अध्यक्ष, उत्तराखण्ड मीडिया सलाहकार समिति, ने कहा कि सरकार ने धर्मांतरण निवारण कानून, युवा सशक्तिकरण, तीर्थाटन, पर्यटन विकास और फिल्म नीति 2024 जैसे ऐतिहासिक निर्णय लिए। उन्होंने कहा कि नई फिल्म नीति से स्थानीय कलाकारों, तकनीशियनों और पर्यटन स्थलों को नया मंच मिला है, जिससे उत्तराखण्ड “फिल्म डेस्टिनेशन ऑफ इंडिया” के रूप में उभर रहा है। दिनेश मानसेरा, अध्यक्ष, उत्तराखण्ड जनसंख्या विश्लेषण समिति, ने कहा कि मुख्यमंत्री धामी के नेतृत्व में अब तक 9000 एकड़ भूमि से अवैध कब्जा हटाया गया है, जिससे कानून व्यवस्था मजबूत हुई है। “सैन्य धाम” निर्माण और आपदा प्रबंधन में मुख्यमंत्री की सक्रियता का उल्लेख किया, विशेषकर उत्तरकाशी की शिलक्यारा टनल में 41 श्रमिकों के बचाव में उनकी उपस्थिति का उदाहरण दिया। वक्ताओं ने राज्य में तीर्थाटन मार्गों के चौड़ीकरण, चारधाम यात्रा के सुचारू संचालन, ऑल वेदर रोड प्रोजेक्ट, स्वास्थ्य सेवाओं के विस्तार, महिला सशक्तिकरण, MSME प्रोत्साहन, स्टार्टअप योजनाओं और डिजिटल शासन की दिशा में धामी सरकार की उपलब्धियों की सराहना की।
कार्यक्रम में उत्तराखंड का कर्मयोगी – पुष्कर सिंह धामी के भाषणों का संकलन है, का विमोचन किया गया। इस पुस्तक के संपादक वरिष्ठ पत्रकार मदन मोहन सती हैं, जो वर्तमान में मुख्यमंत्री के मीडिया समन्वयक भी हैं। सम्मेलन में बंशीधर भगत, विधायक कालाढुंगी क्षेत्र, दीपा दरमवाल, अध्यक्ष, जिला पंचायत नैनीताल, गजराज सिंह बिष्ट, मेयर, हल्द्वानी नगर निगम, अनिल कपूर (डब्बू), अध्यक्ष, मंडी समिति हल्द्वानी, प्रताप सिंह बिष्ट, जिलाध्यक्ष, दर्जा राज्य मंत्री शंकर कोरंगा, दर्जा राज्य मंत्री दिनेश आर्य, सहित अनेक गणमान्य अतिथि, वक्ता एवं छात्र-छात्राएँ शामिल थे।