वर्ल्ड ऑटिज्म डे

   हल्द्वानी 2 APRIL - विश्व ऑटिज्म दिवस के उपलक्ष पर डॉक्टर अंजलि पी. सनवाल से एक मुलाकात जिसमें उन्होंने बताया की मस्तिष्क का विकास किसी कारण उत्पन्न हुए विकार से व्यक्ति मैं सामाजिक व्यवहार तथा संपर्क दोनों ही प्रभावित होते या दूसरों द्वारा बोले शब्दों की सही प्रतिक्रिया नहीं होती है। जैसा कि बच्चों में भी देखा गया है कि माता-पिता के कुछ बोलने पर जब बच्चा अपनी कोई प्रतिक्रिया व्यक्ति नहीं करता है।

 ऑटिज्म एक्सपर्ट् डॉक्टर अंजलि का कहना है कि बच्चों में ऑटिज्म स्पेक्ट्रम डिसऑर्डर के कारण इसके केस दिन प्रतिदिन बढ़ते जा रहे हैं, डॉक्टर अंजली का मानना है कि रोजमर्रा की जिंदगी में अभिभावक बच्चों को समय ना दे पाना तथा गर्भावस्था में मां को तनाव से गुजरना और कम उम्र में बच्चों को मोबाइल तथा टीवी से दूर रखना चाहिए जिससे उनके मस्तिष्क का विकास माता-पिता की देखरेख में हो और एक्सपर्ट की राय माने जिन बच्चों मैं ऑटिज्म के लक्षण होने पर उसको समय रहते दिखाना चाहिए अन्यथा 5 वर्ष के बाद मस्तिष्क का विकास कम होने की संभावना रहती है।